✧─❅ A Letter To God ❅─✧
Characters of the Story
Lencho
A poor farmer and his family live on the peak of a low hill. He was a devout follower of God. He is innocent, hopeful, concerned, and accountable.
Postmaster
A big, friendly guy who helped Lencho keep his faith in God. On God's behalf, he donated a portion of his salary to Lencho's charity.
Employees of the Post Office
People who assisted Lencho at the postmaster's request. When they saw the letter, they laughed at Lencho yet supported him in his time of need. Lencho described them as a bunch of crooks.
Summary
G.L. Fuentes' story A Letter to God illustrates the devoted trust of a poor and innocent minded farmer named Lencho. Lencho was a poor but hardworking farmer. He was hoping for a good crop. To his dismay, a hailstorm destroyed all of his crops and production. The poor farmer was caught aback and depressed by the damage. However, He have a profound faith in God. He was a well-educated man who could read and write. He was persuaded that God would undoubtedly help him because of his honest personality. As a result, he resolved to write a letter to God, addressing his financial issues. In the letter, he pleaded God to provide him one hundred pesos so that he could resow his crops and prevent his family from starvation. He quickly prepared a letter and rushed to the post office. He stamped the letter and placed it into the mailbox After reading the letter, the postman laughed heartily as he took it from the letterbox. He raced up to the postmaster and showed him the weird letter. The postmaster read the letter but burst out laughing when he realised it was addressed to God. However, he was impressed by the farmer's faith. He admired the impoverished farmer's persistent trust in God and decided to assist him. Soon after, he instructed the post office employees to contribute some money as charity and also gave a portion of his income so that Lencho's trust in God would not be weakened. However, the money collected was little less than what Lencho had pursued from God. After that, the postman placed all of the money collected in an envelope and delivered it to the poor farmer. The next Sunday, Lencho went to the post office to see whether there was any mail for him. The mail was presented to him gently by the postmaster. Lencho was not surprised to discover a letter with money inside the mail. He confidently opened the envelope to count the money but got angry when he discovered it contained only seventy pesos. He was certain that God could never have made such a terrible mistake. He ran to the window and asked for paper and ink, then written another letter to God and dropped it in the letterbox. When Lencho left, the postmaster quickly opened and read his letter. In it, Lencho complained to God that he was initially asking for one hundred pesos but was disappointed to find just seventy pesos. Furthermore, he criticised the post office staff for believing that they had taken the remaining thirty pesos from his package. He urged God to give him the balance of the money because he was in desperate need of them. However, he asked God not to send the money over the mail because Lencho believed that the post office employees were "a bunch of crooks" who might have taken the rest of the money from the envelope.
The house-the only…………………hungry this year.” (Pages 3-4-5)
कठिन शब्दार्थ : entire (इन्टाइअ(र्)) = सम्पूर्ण। valley (वैलि) = घाटी। crest (क्रेस्ट्) = शिखर। height (हाइट्) = ऊँचाई। river (रिव(र्)) = नदी, field (फील्ड्) = खेत। ripe (राइप) = पकी। corn (कॉन्) = अनाज/फसल। dotted (डॉट्ड) = बिन्दुकित। flowers (फ्लाउअज) = फूल । always (ऑल्वेज) = हमेशा/सर्वदा। promised (प्रॉमिस्ट) = संकेत दिया। harvest (हाविस्ट्) = फ़सल। earth (अॅथ्) = जमीन । downpour (डाउन्पॉ(र)) = भारी वर्षा । at least (ऐट लीस्ट) = कमसे-कम। shower (शाउअ(र)) = बौछार (वर्षा की)। throughout (श्रूआउट) = पूरे समय। knew (न्यू) = जानता था।
intimately (इन्टिमट्लि) = घनिष्ठता से। nothing else (नथिङ् एल्स्) = अन्य कुछ नहीं। but (बट्) = के सिवाय। towards (टवॉड्ज्) = की ओर । preparing (प्रिपेअरिङ्) = तैयार कर रही थी। supper (सपॅ(र)) = दिन का अन्तिम भोजन। replied (रिप्लाइड) = उत्तर दिया। willing (विलिङ्) = चाहा तो। until (अन्टिल) = जब तक कि। during (ड्युअरिङ्) = के दौरान। meal (मील) = भोजन। predicted (प्रिडिक्ट्ड) = भविष्यवाणी की। huge (यूज) = विशाल । approaching (अप्रोचिङ्) = आते हुए। reason (रीजन्) = कारण। pleasure (प्लेश(र)) = आनन्द। returned (रिटन्ड) = लौटा।
exclaimed (इक्स्क्ले म्ड) = भावावेश में कहा। raindrops (रेनड्रॉप्स) = वर्षा की बूंदें। coins (कॉइन्ज) = सिक्के। cent (सेन्ट) = एक डॉलर का सौवां भाग। expression (इक्स्प्रे श्न्) = मुद्रा। regarded (रिगाड्ड) = ध्यानपूर्वक देखा। draped (ड्रेप्ट) = लिपटे हुए। curtain (कॅट्न) = परदा/कोई भी ढकने या छिपाने वाली वस्तु। hailstones (हेल्स्टोन्स) = ओले। resemble (रिजेम्ब्ल ) = मेल खाना/सादृश्य लगना। .exposing (इक्स्पोजिङ्) = अनावृत करते हुए। collect (कॅलेक्ट्) = एकत्रित करना। frozen (फ्रोजन्) = जमा हुआ। pearls (पॅल्ज) = मोती (ओले)। salt (सॉल्ट) = नमक। destroyed (डिस्ट्रॉइड) = नष्ट कर दिया। soul (सोल) = आत्मा। storm (स्टॉम) = तूफान। passed (पास्ट) = गुजर गया। plague (प्लेग्) = कीट समूह। locusts (लोकॅस्ट्स ) = टिड्डियाँ। sorrowful (सॉरोफल) = दुःखपूर्ण।
हिन्दी अनुवाद :
वह घर—सम्पूर्ण घाटी में एकमात्र—एक नीची घाटी के शिखर पर अवस्थित था। इस ऊँचाई से कोई भी व्यक्ति नदी को और पकी फसल के खेत को जिसमें बिन्दुओं की तरह फूल उगे थे जो सर्वदा एक अच्छी फसल होने का वायदा दिलाते थे, को देख सकता था। एकमात्र चीज जिसकी जमीन को आवश्यकता थी वह एक भारी वर्षा या कम से कम एक बौछार थी। पूरे प्रात:काल लेन्चो—जो अपने खेतों को घनिष्ठता से जानता था – ने उत्तर-पूर्व आकाश की ओर देखने के सिवाय अन्य कुछ नहीं किया था।
‘अब हम वास्तव में ही कुछ जल प्राप्त करने जा रहे हैं, महिला।’ (अर्थात्, अब वास्तव में ही वर्षा होने वाली है, प्रिय)।
महिला जो रात्रि-भोजन तैयार कर रही थी, ने उत्तर दिया, ‘हाँ, भगवान चाहे तो।’ बड़े लड़के खेतों में कार्य कर रहे थे जबकि छोटे वाले घर के समीप खेल रहे थे जब तक कि महिला ने उन सबको नहीं पुकारा, ‘रात्रि-भोज के लिए आ जाओ।’ यह भोजन के दौरान हुआ था, जैसी कि लेन्चो ने भविष्यवाणी की थी, वर्षा की बड़ी बूंदें गिरना आरम्भ हो गई थीं।
उत्तर-पूर्व में मेघों के विशाल पर्वतों को आते देखा जा सकता था। वायु स्वच्छ व मधुर थी। वह पुरुष किसी अन्य कारण से बाहर नहीं गया था बल्कि अपने शरीर पर वर्षा के आनन्द की अनुभूति प्राप्त करने गया था और जब वह लौटा उसने भावावेश में कहा, “ये आकाश से वर्षा की बूंदें नहीं गिर रही हैं, वे नये सिक्के हैं। बड़ी बूंदें दस सेन्ट के सिक्के हैं और छोटी वाली पाँच के हैं।”
एक सन्तोषप्रद मुद्रा के साथ उसने पकी फसल के खेत को अपने फूलों के साथ, वर्षा के एक परदे में लिपटे देखा। किन्तु अचानक ही एक शक्तिशाली पवन ने चलना आरम्भ कर दिया और वर्षा के साथ-साथ बहुत बड़े ओले गिरने आरम्भ हो गए। ये सचमुच में ही नये चाँदी के सिक्कों से अवश्य मेल खाते थे। लड़के, अपने को अनावृत करते हुए (अर्थात् कपड़े उतार कर) वर्षा में, जमे हुए मोतियों (ओलों) को एकत्रित करने बाहर दौड़ पड़े।
“अब वास्तव में मौसम खराब हो रहा है”, उस आदमी ने चिन्ता से कहा, “मैं आशा करता हूँ कि यह शीघ्र ही समाप्त हो जायेगा।” (किन्तु) यह शीघ्र समाप्त नहीं हुआ। एक घण्टे तक, घर पर, उद्यान में, पहाड़ी पर, अनाज के खेत में, सारी घाटी में, ओलावृष्टि होती रही। वह खेत ऐसा सफेद हो गया, जैसे नमक से ढका हो।
वृक्षों पर एक भी पत्ता शेष नहीं रहा। फसल को पूर्णतया नष्ट कर दिया गया था। पौधों से फूल झड़ चुके थे। लेन्चो की आत्मा दुःख से भर गई थी (अर्थात् उसे अत्यधिक दुःख हुआ)। जब तूफान गुजर चुका था, वह खेत के बीच में खड़ा हो गया और अपने पुत्रों से कहा, “टिड्डियों का एक समूह भी इससे अधिक छोड़ देता (अर्थात् इतना नुकसान नहीं करता)। ओलों ने तो कुछ नहीं छोड़ा है। इस वर्ष हमारे पास कोई अनाज नहीं होगा।” वह एक दुःखभरी रात्रि थी। “हमारा सारा कार्य, व्यर्थ रहा।” “कोई नहीं है जो हमारी सहायता कर सकता है।” “हम सब इस वर्ष भूखे रहेंगे।”
But in the……………………a signature: God. (Pages 5-6)
कठिन शब्दार्थ :
hearts (हाट्स) = हृदय। solitary (सॉलस्ट्रि) = अकेले, एकमात्र । upset (अप्सेट) = परेशान। even though (ईव्न् दो) = भले ही। dies (डाइज) = मरता है। instructed (इनस्ट्रक्ड) = बताया गया था। conscience (कॉन्शन्स्) = अन्तःकरण। daybreak (डेब्रेक्) = दिन निकलने पर। Pesos (पेसोज) = बहुत से लैटिन अमरीकी देशों की मुद्रा। in order to (इन् ऑड(र) टु) = ताकि । sow (सो) = बोना। troubled (ट्रब्ल्ड ) = दुःखी था। dropped (ड्रॉप्ट) = डाल दिया। laughing (लाफिङ्) = हँसते हुए। heartily (हाटिलि) = अत्यधिक। amiable (एमिअब्ल्) = मिलनसार । immediately (इमीजिअट्लि) = तुरन्त/अविलम्ब । serious (सिअरिअस्) = गम्भीर । commented (कॉमेन्ट्ड) = टिप्पणी की। correspondence (कारस्पॉन्डन्स) = पत्र-व्यवहार। shake (शेक) = हिलाना। stuck (स्टक्) = चिपक गया/अडिग रहा। resolution (रेजलूशन्) = निश्चय। obliged (अब्लाइज्ड) = बाध्य थे। act of charity (ऐक्ट ऑव चैटि) = दयालुता का कार्य । impossible (इम्पॉसब्ल्) = असम्भव। envelope (एन्वलोप्) = लिफाफा। addressed (अड्रेस्ट) = का पता लिखे। containing (कन्टेनिङ्) = समाविष्ट होना।
हिन्दी अनुवाद : किन्तु उन सभी के हृदय में जो घाटी के मध्य में उस अकेले घर में रहते थे, एक एकल आशा थी : परमात्मा से सहायता।
“इतने परेशान न हों, भले ही यह एक पूर्ण नुकसान प्रतीत होता है। याद रखो, भूख से कोई भी नहीं मरता है।”
“वे (लोग) यही कहते हैं : भूख से कोई भी नहीं मरता है।”
पूरी रात के दौरान, लेन्चो ने केवल अपनी एक आशा के बारे में सोचा : परमात्मा की सहायता, जिसकी आँखें, जैसा कि उसे बताया गया था, प्रत्येक चीज देखती हैं, यहाँ तक कि एक व्यक्ति के अन्तःकरण की गहनता तक भी। लेन्चो एक व्यक्ति रूपी बैल था (अर्थात् बैल के जैसे कार्य करने वाला व्यक्ति था), खेतों में एक पशु की भाँति कार्य करता रहता, किन्तु फिर भी वह जानता था कि लिखा कैसे जाता है। आने वाले रविवार को, दिन निकलने पर, उसने एक पत्र लिखना आरम्भ कर दिया जिसे वह स्वयं कस्बे तक ले जायेगा और डाक में डाल देगा। यह परमात्मा को एक पत्र से कम नहीं था।
‘हे ईश्वर’, उसने लिखा, ‘यदि आप मेरी सहायता नहीं करेंगे, तो मेरा परिवार और मैं इस वर्ष भूखे मर जायेंगे। मुझे एक सौ पेसोज की आवश्यकता है ताकि मेरे खेत में पुनः बीज बो सकूँ और जब तक फसल न आ जाए जब तक जी सकूँ, क्योंकि ओलों ने…
उसने लिफाफे पर लिखा ‘परमात्मा को’, पत्र को अन्दर डाला और, अभी भी दुःखी था, (फिर भी) कस्बे में गया। डाकघर में, उसने पत्र पर टिकट लगाया और इसे डाकबक्से में डाल दिया। कार्मिकों में से एक, जो एक डाकिया था और डाकघर में भी सहायता करता था, अत्यधिक हँसते हुए अपने बॉस के पास गया और उसे परमात्मा का पत्र दिखाया। डाकिये के रूप में अपने कॅरिअर में उसने वह पता कभी नहीं जाना था। डाकपाल—एक मोटा, मिलनसार व्यक्ति था—ने भी अचानक हँसना आरम्भ कर दिया, किन्तु लगभग तुरन्त वह गम्भीर हो गया और पत्र को अपनी डेस्क (मेज) पर थपथपाते हुए, टिप्पणी की, “क्या विश्वास है! काश! मेरे पास इस व्यक्ति, जिसने यह पत्र लिखा था, जैसा विश्वास होता। परमात्मा से पत्र-व्यवहार आरम्भ करने का!”
अतः लेखक के परमात्मा में विश्वास को न हिलने देने के लिए, डाकपाल को एक विचार ध्यान में आया : पत्र का उत्तर दिया जाए। लेकिन जब उसने इसे खोला, तो यह सुस्पष्ट था कि इसका उत्तर देने के लिए उसे शुभकामना, स्याही व कागज के अतिरिक्त कुछ और अधिक भी चाहिए था। किन्तु वह अपने निश्चय पर अटल था : उसने अपने कार्मिकों से धन-राशि माँगना आरम्भ कर दिया, उसने स्वयं ने भी अपने वेतन का एक भाग दिया और उसके बहुत से मित्र भी दयालुता के कार्य के लिए कुछ न कुछ देने को बाध्य हुए थे।
उसके लिए एक साथ एक सौ पेसोज एकत्रित करना असम्भव था, अतः वह उस किसान को आधे से कुछ अधिक (पेसोज) ही भेजने में समर्थ था। उसने धन-राशि को उस लिफाफे में रखा जिस पर लेन्वो का पता लिखा था और इसके साथ एक पत्र जिस पर केवल एक शब्द हस्ताक्षर के रूप में समाविष्ट था : परमात्मा।
The following Sunday……………………………of crooks, Lencho.’ (Pages 6-7)
कठिन शब्दार्थ : usual (यूशुअल) = सामान्य। contentment (कन्टेन्ट्मन्ट) = सन्तुष्टि । performed (पफॉम्ड) = किया। deed (डीड्) = कार्य। slightest (स्लाइट्स्ट) = हल्का-सा। denied (डिनाइड) = इनकार करना। wrinkling ( रिक्लिङ्) = सलवटें। brow (ब्राउ) = भौंह। licked (लिक्ट) = चाटी (थूक लगाया)। affixed (अफिक्स्ट ) = चिपका दी। crooks (क्रुक्स) = बेईमान।
हिन्दी अनुवाद : अगले रविवार को लेन्चो सामान्य से कुछ पहले यह पूछने आ गया कि क्या उसके लिए कोई पत्र. था। यह डाकिया स्वयं था जिसने उसे पत्र सौंपा जबकि डाकपाल, एक ऐसे व्यक्ति की सन्तुष्टि का अनुभव करते हुए जिसने एक अच्छा कार्य किया हो, अपने कार्यालय से देखता रहा। लेन्चो ने धन-राशि को देखकर हल्का-सा भी आश्चर्य नहीं दिखाया; उसका आत्मविश्वास ऐसा थाकिन्तु जब उसने धन-राशि को गिना तो वह क्रोधित हो गया। परमात्मा गलती नहीं कर सकता था, न ही वह लेन्चो को इनकार कर सकता था जिसकी उसने विनती की थी।
तुरन्त ही, लेन्चो स्याही व कागज माँगने के लिए खिड़की तक गया। सार्वजनिक लेखन मेज पर उसने लिखना आरम्भ किया, अपनी भौंहों की बहुत सलवटों के साथ (अर्थात् त्यौरियाँ चढ़ाकर), जो उस प्रयास द्वारा उत्पन्न हुई थीं जो उसे अपने विचारों को अभिव्यक्त करने के लिए बनानी पड़ी थीं। जब उसने समाप्त कर लिया था, वह खिड़की पर टिकट खरीदने गया जिसे उसने थूक लगाया और फिर अपनी मुट्ठी के प्रहार से लिफाफे पर चिपका दिया। जिस क्षण पत्र डाक-बॉक्स में गिरा डाकपाल इसे खोलने गया। इसमें लिखा था : “हे परमात्मा : जो धन-राशि मैंने माँगी थी उसमें से केवल 70 पेसोज मुझ तक पहुँचे, शेष भी मुझे भेजें, क्योंकि मुझे इसकी अत्यधिक आवश्यकता है। किन्तु इसे मुझे डाक द्वारा न भेजें क्योंकि डाक-घर के कार्मिक बेईमानों का एक गुच्छा (समूह) है।
Vivek Medico